महानायक अमिताभ के सवाल का रहस्य उजागर किया प्रख्यात अंतर्राष्ट्रीय भविष्य वक्ता ब्रह्मर्षि सागर तिवारी ने-
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन मनमोहन देसाई की फिल्म ‘‘कुली’’ के दौरान उनके बिल्ले का नम्बर 786 था। महानायक ने हाल ही में अपने ब्लाग में उस 786 नम्बर के बारे में अपने शुभ चिंतकों से बताने का आग्रह किया है।ब्लाग में लिखा है कि ‘‘मुझे नही मालूम यह संख्या कहाँ से आयी जो मित्र बताएँगे उनका मैं एहसानमन्द रहूंगा।’’ इस पर प्रख्यात अंतराष्ट्रीय भविष्यवक्ता ब्रह्मषि सागर तिवारी ने इस नम्बर के रहस्य का खुलासा अपनी दृष्टि से किया है। उन्होंने कहा है कि फिल्म कुली की शूटिंग के दौरान शनि और नम्बर 786 ने बच्चन के साथ खेला खूनी खेल वहीं देव गुरु वृहस्पति और ब्रह्मांड में प्रक्षेपित म अक्षर और 3,10,13 के महायोग ने सदी के महानायक को जीवन दान दिया है और यह उसी का ही प्रभाव है कि 10 अक्टूबर से बच्चन के लिए खुशियों की शौगात लेकर आ रहा है।
उन्होंने कहा कि बच्चन के जन्म चक्र में बारहवें भाव का स्वामी शनि और नम्बर 786 तथा नम्बर 8 विशेष घटना प्रधान है। 12 वें भाव का मालिक शनि के प्रभाव से जितनी भी घटनाएं होगी वे सभी परिवार से दूर होंगी। जया बच्चन के राजनीति में आने से बच्चन अपने परिवार से दूर हैं। बेटा अभिषेक बच्चन भी अपने कार्यों में व्यस्त हैं। परिवार से दूर फिल्म कुली की घटना से स्पष्ट है कि बच्चन के जीवन का भी अंत घर से दूर होगा। मोक्षधाम यात्रा में शनि 786 और नम्बर 8 की भूमिका होगी। बच्चन के किस्मत का फैसला हर मोड़ पर देव गुरु वृहष्पति और म अक्षर 3,10,13 के महायोग करेंगे। 28,29,30 वर्ष के बाद जब शनि कन्या, तुला, वृश्चिक राशि पर भ्रमण करेगा तब बच्चन साढे़ सात वर्ष तक शनि की चपेट में रहेंगे।
कन्या के शनि में बच्चन ने संयम से काम न लिया तो परिणाम बच्चन को भुगतने पड़ेंगे फिल्म दीवार में बच्चन इस अनहोनी घटना से इसलिए बचे क्योंकि उस समय शनि कन्या राशि पर नहीं था। 786 का योग7+8+6=2+1=3 होगा। कुली की शूटिंग के दौरान दुखद घटना की तारीख 2-8-1982 का भी मूलांक तीन होगा। तीन नम्बर के स्वामी देवगुरु वृहस्पति हैं। बच्चन के जन्म चक्र में वृहस्पति बहुत ही शक्तिशाली संकटों से उबारने, धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष, यश, कीर्ति, पुरुषार्थ प्रदान करने में सक्षम हैं। ऊंचाईयों पर पहुंचाने के साथ-साथ बच्चन के शरीर की लम्बाई भी बृहस्पति ने ही प्रदान की है।
यंत्रों, मंत्रों, नम्बरों के केन्द्र मंे जो शक्तियां, देवता, ग्रह होते हैं वही पूरे मंत्र आदि को संचालित करते हैं। 786 के मध्य में 8 नम्बर का स्वामी शनि है। आठवां माह अगस्त भी शनि के प्रभाव में है। काला वस्त्र भी शनि का है। कुली क शूटिंग के दौरान साथी कलाकार पुनीत से मारपीट के दृश्य में बच्चन बुरी तरह से घायल हो गये थे। पुनीत के कपडे़ काले थे और बच्चन के लाल कपडे़ थे। इस प्रकार शनि और 786 ने 8 वे माह अगस्त में दुर्भाग्य पूर्ण घटना को अंजाम दिया था। वही देव गुरु बृहस्पति और ब्रह्मांड को में प्रझेपित म अक्षर और 3,10,13 महायोग ने बच्चन को काल के गाल से बचा लिया था। आठवां माह अगस्त कलंकित है आजादी का दिन १५.८.१९४७ का भी योग 35tr8 ही होगा इसी माह भारत और पाकस्तान का बटवारा हुआ था। 12 लाख से अधिक लोगों की जान गई, कश्मीर आदि मुददे आज भी चल रहे हैं। इसी प्रकार बच्चन के आंतों फेंफडों के जख्म जीवन पर्यंत कष्ट देते रहेंगे।
शनि के प्रभाव से अभी मुक्त नहीं हैं अमिताभ
28 वर्ष बाद सितम्बर 2009 से एक बार फिर कन्या राशि का शनि बच्चन को अपने प्रभाव में ले लिया है। दूसरे चक्र में शनि और 786 का ऐसा झटका लगा है कि एक माला के तीन मोती महानायक अमिताभ, मुलायम, और अमर सिंह ताश के तीन पत्तों की तरह बिखर गये। इन तीनों ताकतों ने एक दूसरे के सहयोग से खूब यश कीर्ति बटौरी। मुलायम सिंह को मुख्यमंत्री बनाने में 13 गम्भीर भूलें की थी। जिसका खामियाजा तीनों को भुगतना पड़ा। 13 वर्ष बाद अमर सिंह ने मुलायम का साथ छोड़ दिया। तीन अहम पदों से त्याग पत्र दिये। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री ने महानायक से छिनी बाराबंकी की जमीन। 2017 तक तीनों ताकतें शनि के निशाने पर रहेंगे। इस दौरान एक का बर्चस्व समाप्त हो जाएगा और एक अनहोनी घटना का शिकार होगा। इन कार्यों में म और 3,10,13 की भूमिका होगी। इस रहस्य को उजागर करते हैं तो हजारों लोगों की धड़कने बढ़ सकती हैं। बहतर होगा कि बच्चन, मुलायम और अमर इस रहस्य को स्वयं समझें और उसके अनुसार आचरण करें तो दुखों का अंत और सुखों का उदय होगा।
महानायक के लिए अच्छी खबर
महानायक अमिताभ के लिए अच्छी खबर यह है कि 10 अक्टूबर सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर बच्चन का एक बार भाग्योदय होगा। जिसकी प्रकिया शुरु हो चुकी है। हौंसले बुलंद हो और समय बलवान हो तो चट्टानों का सीना चीरकर रास्ते निकल आते हैं। ऐसा कुछ होने वाला है अमिताभ के साथ। अगले तीन वर्षों तक बच्चन को लगेगा कि जवानी के जोश शरीर में फिर से समा गया है। नये-नये कार्यों के नये दौर शुरु होंगे। राष्ट्र व समाज के हित में कार्य करेंगे तो सफलता कदम चूमेगी।
2019 में भाग्य परिवर्तन का जब दूसरा दौर शरू होगा तब बच्चन का पुरषार्थ थम जायेगा.
आपका ब्रह्मर्षि सागर तिवारी
वृन्दावन
http://www.bhavishyawaktamaharshisagartiwari.com/
http://www.3-10-13.blogspot.com/
http://panditsagartiwari.blogspot.com/
फ़ोन - 09410227070
09319839380
उपर्युक्त वेबसाइट का नवीनीकरण होने वाला है .अतः १४ अक्टूबर के पश्चात इसका नाम बदल जायेगा
जल्दी ही आपको नया नाम सूचित कर दिया जायेगा।
धन्यवाद् !
ब्रह्माण्ड में 'म' अक्षर ३,१०,१३ का महाप्रयोग -ब्रह्मर्षि सागर तिवारी
Thursday, October 7, 2010
Saturday, October 31, 2009
2011 तक बचकर रहे महापापी
सृष्टि का जब से निर्माण हुआ है विनाश और निर्माण की प्रक्रिया सतत चली आ रही है। 1981 में ब्रह्माण में तीन अंक (3, 10, 13) और एक अक्षर म का प्रक्षेपण किया गया। तभी से सभी घटनाएं इन्हीं अंक और शब्दों के इर्द-गिर्द घट रही हैं।
28 महाशक्ति, मुस्लिम देश और भारत पर मंडरा रहा खतरा
आने वाले 19 साल बाद तीन वर्ष 2026, 2027,2028 में तीन चरण में धूर्त शक्तियों के महापतन के बाद भारत की किस्मत खुलेगी। केन्द्र और प्रदेश सरकारों की बागडोर युवाओं के हाथ में जाएगी और महाभ्रष्टों को किनारे किया जाएगा। यह भी सतत प्रक्रिया ही है। इसे बीते 19 वर्षों से समझा जा सकता है। दस के योग वाले वर्ष 1990 में भाजपा, सपा, शिवसेना, बजरंग दल, विश्वहिन्दू परिषद, मुलायम सिंह, लालू प्रसाद यादव, राम विलास पासवान, बाल ठाकरे, लाल कृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह, उमा भारती और उसके बाद बसपा और मायावती का भाग्योदय हुआ। 19 साल में इन्हें झटके लगे और अब 19 वर्ष बाद इनकी उल्टी गिनती शुरू हो गयी। 10 के योग वाले वर्ष 1999 में इन सभी का भाग्य चरम पर था और इसके बाद दस के योग वाले वर्ष 2008 में इनका पतन शुरू हो गया। लाल कृष्ण आडवाणी ने जिस दिन पाकिस्तान में मोहम्मद अली जिन्ना की तारीफ की उनके बुरे दिन शुरू हो गया। 19 वर्ष के इस अंतराल में राजीव गांधी की हत्या म के प्रभाव से ही हुई। राजीव गांधी की हत्या दसवीं लोकसभा के चुनाव के दौरान, मानव बम, महिला आतंकी, माला उनकी मौत का कारण बनीं। 19 साल के अंतराल के बाद दुनिया को आतंक में झोंकने वाले पाकिस्तान में विनाश की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। वहां ध्वंस की प्रक्रिया 2011 तक चलेगी और इस दौरान अत्याचारियों को नाश होगा। महाराष्ट्र में कभी शक्ति का केन्द्र रहे बाल ठाकरे को 19 का डंक ऐसा लगा कि उनका एकाधिकार समाप्त हो गया। यह हठधर्मिता का परिणाम है। 19 साल के बाद ही जाति, धर्म, क्षेत्र के आधार पर राजनीति करने वालों को प्रकृति ने किनारे कर दिया।
आने वाले समय में कई घटनाएं होंगी। लम्बे समय से मारकेश के प्रभाव से मांद में छिपे बैठे ओसामा बिन लादेन और ऐसे तमाम आतंकवादी दिसम्बर 2009 से तीसरी बार अपनी मांद से निकलेंगे। ये सैकड़ों आतंकवादी 2011 तक अपने ठिकाने बदलते रहेंगे। यह काल इनके विनाश का काल है। इस दौरान यह केवल 35 फिट लम्बे और 26 फिट चौड़े गुफा या हाल में ही सुरक्षित रह सकते हैं। आने वाले 19 साल तक जनवरी, फरवरी, अगस्त और सितम्बर महापापियों के काल का इंतजार करेंगे।
म नामधारी राष्ट्र, स्थान, नगर, मुद्दे (मंदिर-मस्जिद, मूर्तियां) मुस्लिम आतंकवादी, माओवादी, सरकारें घटनाओं का केन्द्र बन चुके हैं। अगर शीर्ष सत्ता पर बैठे नेता न सुधरे तो म के प्रभाव से घटनाओं का तांता लग जाएगा। कुर्सी के नशे में बेसुध नेता जब भ्रष्टाचार की चरम सीमा पर पहुंचेंगे तो महंगाई से मौत होने लगेंगी। ऐसे में मार्च, मई, अक्टूबर, नवम्बर और दिसम्बर माह में ब्रह्माण्ड में प्रक्षेपित 3, 10, 13 और म का ऐसा कहर टूटेगा कि कई बड़ी हस्तियां राजनीति के पटल से गायब हो जाएंगी। इस काल में मानवीय संवेदनाओं से ओत-प्रोत, सच्चे लोगों की रक्षा ब्रह्माण्ड में प्रक्षेपित यही शक्ति ध्रुव करेंगे। महा प्रलय के बाद नवसृजन की अधिष्ठात्री देवी मां भगवती महात्रिपुरसुन्दरी के निवास पर शक्तिध्रुवों में करोड़ों घटनाएं प्रक्षेपित की जा चुकी हैं।
2011 तक समूचा विश्व 84 करोड़ घटनाओं का मंजर देखेगा। इस दौरान भूकम्प, समुद्री तूफान, बर्फ, पानी, आग से आपदायें आयेंगी। प्राकृतिक आपदाओं की आधारशिला प्रत्येक महीने की 3, 10, 13, 16, 18, 21, 26, 28, 29, 30 और 31 तारीख को रख जाएगी। अक्टूबर, नवम्बर, दिसम्बर, मार्च और मई माह में प्रकृति विकराल रूप धारण कर लेगी। हाल में हाथरस जिले में 30 सितम्बर को महानंदा एक्सप्रेस लोगों के कोप के चलते अग्निकांड का शिकार हुई। मथुरा में मेवाड़ एक्सप्रेस 21 तारीख को हादसे का शिकार हुई। इस साल के आखरी दो महीने मंदी, महंगाई, मुम्बई, मेरठ, आगरा के इर्द-गिर्द रहेंगे। मार्च, मई, अक्टूबर, नवम्बर और दिसम्बर माह में जितनी भी सरकारें सत्तारूढ़ हुई हैं उनके लिये ज्यादा खतरा है।
28 महाशक्ति, मुस्लिम देश और भारत पर मंडरा रहा खतरा
आने वाले 19 साल बाद तीन वर्ष 2026, 2027,2028 में तीन चरण में धूर्त शक्तियों के महापतन के बाद भारत की किस्मत खुलेगी। केन्द्र और प्रदेश सरकारों की बागडोर युवाओं के हाथ में जाएगी और महाभ्रष्टों को किनारे किया जाएगा। यह भी सतत प्रक्रिया ही है। इसे बीते 19 वर्षों से समझा जा सकता है। दस के योग वाले वर्ष 1990 में भाजपा, सपा, शिवसेना, बजरंग दल, विश्वहिन्दू परिषद, मुलायम सिंह, लालू प्रसाद यादव, राम विलास पासवान, बाल ठाकरे, लाल कृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह, उमा भारती और उसके बाद बसपा और मायावती का भाग्योदय हुआ। 19 साल में इन्हें झटके लगे और अब 19 वर्ष बाद इनकी उल्टी गिनती शुरू हो गयी। 10 के योग वाले वर्ष 1999 में इन सभी का भाग्य चरम पर था और इसके बाद दस के योग वाले वर्ष 2008 में इनका पतन शुरू हो गया। लाल कृष्ण आडवाणी ने जिस दिन पाकिस्तान में मोहम्मद अली जिन्ना की तारीफ की उनके बुरे दिन शुरू हो गया। 19 वर्ष के इस अंतराल में राजीव गांधी की हत्या म के प्रभाव से ही हुई। राजीव गांधी की हत्या दसवीं लोकसभा के चुनाव के दौरान, मानव बम, महिला आतंकी, माला उनकी मौत का कारण बनीं। 19 साल के अंतराल के बाद दुनिया को आतंक में झोंकने वाले पाकिस्तान में विनाश की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। वहां ध्वंस की प्रक्रिया 2011 तक चलेगी और इस दौरान अत्याचारियों को नाश होगा। महाराष्ट्र में कभी शक्ति का केन्द्र रहे बाल ठाकरे को 19 का डंक ऐसा लगा कि उनका एकाधिकार समाप्त हो गया। यह हठधर्मिता का परिणाम है। 19 साल के बाद ही जाति, धर्म, क्षेत्र के आधार पर राजनीति करने वालों को प्रकृति ने किनारे कर दिया।
आने वाले समय में कई घटनाएं होंगी। लम्बे समय से मारकेश के प्रभाव से मांद में छिपे बैठे ओसामा बिन लादेन और ऐसे तमाम आतंकवादी दिसम्बर 2009 से तीसरी बार अपनी मांद से निकलेंगे। ये सैकड़ों आतंकवादी 2011 तक अपने ठिकाने बदलते रहेंगे। यह काल इनके विनाश का काल है। इस दौरान यह केवल 35 फिट लम्बे और 26 फिट चौड़े गुफा या हाल में ही सुरक्षित रह सकते हैं। आने वाले 19 साल तक जनवरी, फरवरी, अगस्त और सितम्बर महापापियों के काल का इंतजार करेंगे।
म नामधारी राष्ट्र, स्थान, नगर, मुद्दे (मंदिर-मस्जिद, मूर्तियां) मुस्लिम आतंकवादी, माओवादी, सरकारें घटनाओं का केन्द्र बन चुके हैं। अगर शीर्ष सत्ता पर बैठे नेता न सुधरे तो म के प्रभाव से घटनाओं का तांता लग जाएगा। कुर्सी के नशे में बेसुध नेता जब भ्रष्टाचार की चरम सीमा पर पहुंचेंगे तो महंगाई से मौत होने लगेंगी। ऐसे में मार्च, मई, अक्टूबर, नवम्बर और दिसम्बर माह में ब्रह्माण्ड में प्रक्षेपित 3, 10, 13 और म का ऐसा कहर टूटेगा कि कई बड़ी हस्तियां राजनीति के पटल से गायब हो जाएंगी। इस काल में मानवीय संवेदनाओं से ओत-प्रोत, सच्चे लोगों की रक्षा ब्रह्माण्ड में प्रक्षेपित यही शक्ति ध्रुव करेंगे। महा प्रलय के बाद नवसृजन की अधिष्ठात्री देवी मां भगवती महात्रिपुरसुन्दरी के निवास पर शक्तिध्रुवों में करोड़ों घटनाएं प्रक्षेपित की जा चुकी हैं।
2011 तक समूचा विश्व 84 करोड़ घटनाओं का मंजर देखेगा। इस दौरान भूकम्प, समुद्री तूफान, बर्फ, पानी, आग से आपदायें आयेंगी। प्राकृतिक आपदाओं की आधारशिला प्रत्येक महीने की 3, 10, 13, 16, 18, 21, 26, 28, 29, 30 और 31 तारीख को रख जाएगी। अक्टूबर, नवम्बर, दिसम्बर, मार्च और मई माह में प्रकृति विकराल रूप धारण कर लेगी। हाल में हाथरस जिले में 30 सितम्बर को महानंदा एक्सप्रेस लोगों के कोप के चलते अग्निकांड का शिकार हुई। मथुरा में मेवाड़ एक्सप्रेस 21 तारीख को हादसे का शिकार हुई। इस साल के आखरी दो महीने मंदी, महंगाई, मुम्बई, मेरठ, आगरा के इर्द-गिर्द रहेंगे। मार्च, मई, अक्टूबर, नवम्बर और दिसम्बर माह में जितनी भी सरकारें सत्तारूढ़ हुई हैं उनके लिये ज्यादा खतरा है।
Monday, September 21, 2009
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