Saturday, October 31, 2009

2011 तक बचकर रहे महापापी

सृष्टि का जब से निर्माण हुआ है विनाश और निर्माण की प्रक्रिया सतत चली आ रही है। 1981 में ब्रह्माण में तीन अंक (3, 10, 13) और एक अक्षर म का प्रक्षेपण किया गया। तभी से सभी घटनाएं इन्हीं अंक और शब्दों के इर्द-गिर्द घट रही हैं।
28 महाशक्ति, मुस्लिम देश और भारत पर मंडरा रहा खतरा
आने वाले 19 साल बाद तीन वर्ष 2026, 2027,2028 में तीन चरण में धूर्त शक्तियों के महापतन के बाद भारत की किस्मत खुलेगी। केन्द्र और प्रदेश सरकारों की बागडोर युवाओं के हाथ में जाएगी और महाभ्रष्टों को किनारे किया जाएगा। यह भी सतत प्रक्रिया ही है। इसे बीते 19 वर्षों से समझा जा सकता है। दस के योग वाले वर्ष 1990 में भाजपा, सपा, शिवसेना, बजरंग दल, विश्वहिन्दू परिषद, मुलायम सिंह, लालू प्रसाद यादव, राम विलास पासवान, बाल ठाकरे, लाल कृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह, उमा भारती और उसके बाद बसपा और मायावती का भाग्योदय हुआ। 19 साल में इन्हें झटके लगे और अब 19 वर्ष बाद इनकी उल्टी गिनती शुरू हो गयी। 10 के योग वाले वर्ष 1999 में इन सभी का भाग्य चरम पर था और इसके बाद दस के योग वाले वर्ष 2008 में इनका पतन शुरू हो गया। लाल कृष्ण आडवाणी ने जिस दिन पाकिस्तान में मोहम्मद अली जिन्ना की तारीफ की उनके बुरे दिन शुरू हो गया। 19 वर्ष के इस अंतराल में राजीव गांधी की हत्या म के प्रभाव से ही हुई। राजीव गांधी की हत्या दसवीं लोकसभा के चुनाव के दौरान, मानव बम, महिला आतंकी, माला उनकी मौत का कारण बनीं। 19 साल के अंतराल के बाद दुनिया को आतंक में झोंकने वाले पाकिस्तान में विनाश की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। वहां ध्वंस की प्रक्रिया 2011 तक चलेगी और इस दौरान अत्याचारियों को नाश होगा। महाराष्ट्र में कभी शक्ति का केन्द्र रहे बाल ठाकरे को 19 का डंक ऐसा लगा कि उनका एकाधिकार समाप्त हो गया। यह हठधर्मिता का परिणाम है। 19 साल के बाद ही जाति, धर्म, क्षेत्र के आधार पर राजनीति करने वालों को प्रकृति ने किनारे कर दिया।
आने वाले समय में कई घटनाएं होंगी। लम्बे समय से मारकेश के प्रभाव से मांद में छिपे बैठे ओसामा बिन लादेन और ऐसे तमाम आतंकवादी दिसम्बर 2009 से तीसरी बार अपनी मांद से निकलेंगे। ये सैकड़ों आतंकवादी 2011 तक अपने ठिकाने बदलते रहेंगे। यह काल इनके विनाश का काल है। इस दौरान यह केवल 35 फिट लम्बे और 26 फिट चौड़े गुफा या हाल में ही सुरक्षित रह सकते हैं। आने वाले 19 साल तक जनवरी, फरवरी, अगस्त और सितम्बर महापापियों के काल का इंतजार करेंगे।
म नामधारी राष्ट्र, स्थान, नगर, मुद्दे (मंदिर-मस्जिद, मूर्तियां) मुस्लिम आतंकवादी, माओवादी, सरकारें घटनाओं का केन्द्र बन चुके हैं। अगर शीर्ष सत्ता पर बैठे नेता न सुधरे तो म के प्रभाव से घटनाओं का तांता लग जाएगा। कुर्सी के नशे में बेसुध नेता जब भ्रष्टाचार की चरम सीमा पर पहुंचेंगे तो महंगाई से मौत होने लगेंगी। ऐसे में मार्च, मई, अक्टूबर, नवम्बर और दिसम्बर माह में ब्रह्माण्ड में प्रक्षेपित 3, 10, 13 और म का ऐसा कहर टूटेगा कि कई बड़ी हस्तियां राजनीति के पटल से गायब हो जाएंगी। इस काल में मानवीय संवेदनाओं से ओत-प्रोत, सच्चे लोगों की रक्षा ब्रह्माण्ड में प्रक्षेपित यही शक्ति ध्रुव करेंगे। महा प्रलय के बाद नवसृजन की अधिष्ठात्री देवी मां भगवती महात्रिपुरसुन्दरी के निवास पर शक्तिध्रुवों में करोड़ों घटनाएं प्रक्षेपित की जा चुकी हैं।
2011 तक समूचा विश्व 84 करोड़ घटनाओं का मंजर देखेगा। इस दौरान भूकम्प, समुद्री तूफान, बर्फ, पानी, आग से आपदायें आयेंगी। प्राकृतिक आपदाओं की आधारशिला प्रत्येक महीने की 3, 10, 13, 16, 18, 21, 26, 28, 29, 30 और 31 तारीख को रख जाएगी। अक्टूबर, नवम्बर, दिसम्बर, मार्च और मई माह में प्रकृति विकराल रूप धारण कर लेगी। हाल में हाथरस जिले में 30 सितम्बर को महानंदा एक्सप्रेस लोगों के कोप के चलते अग्निकांड का शिकार हुई। मथुरा में मेवाड़ एक्सप्रेस 21 तारीख को हादसे का शिकार हुई। इस साल के आखरी दो महीने मंदी, महंगाई, मुम्बई, मेरठ, आगरा के इर्द-गिर्द रहेंगे। मार्च, मई, अक्टूबर, नवम्बर और दिसम्बर माह में जितनी भी सरकारें सत्तारूढ़ हुई हैं उनके लिये ज्यादा खतरा है।